सोमवार, 3 अगस्त को सावन माह की अंतिम तिथि पूर्णिमा है। इस तिथि पर रक्षाबंधन पर्व मनाया जाता है। इस बार रक्षाबंधन पर सर्वार्थ सिद्धि योग भी रहेगा। मान्यता है कि इस योग में किए गए शुभ काम जल्दी सिद्धि होते हैं। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार सोमवार को सुबह 9.29 बजे तक भद्रा रहेगी। भद्रा के बाद ही रक्षासूत्र बांधना चाहिए।
भद्रा से जुड़ी मान्यता
पं. शर्मा के अनुसार भद्रा के संबंध में कई तरह की मान्यताएं प्रचलित हैं। कुछ विद्वानों के अनुसार भद्रा शनिदेव की बहन हैं। भद्रा का स्वभाव भी शनि की तरह ही क्रूर है। ज्योतिष में इसे एक विशेष काल माना जाता है, इस समय में कोई भी शुभ कर्म शुरू नहीं किया जाता है। शुभ कर्म जैसे विवाह, मुंडन, नए घर में प्रवेश, रक्षाबंधन पर रक्षासूत्र बांधना आदि। भद्रा को सरल शब्दों में अशुभ मुहूर्त कह सकते हैं।
पूर्णिमा पर सत्यनारायण भगवान की कथा करने की परंपरा
हर माह की पूर्णिमा पर सत्यनारायण भगवान की कथा करने की परंपरा पुराने समय से चली आ रही है। सत्यनारायण विष्णुजी का ही एक स्वरूप है। इनकी कथा में सत्य बोलने का महत्व समझाया है। जो लोग झूठ बोलते हैं, उन्हें कैसी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ये कथा में बताया गया है। सत्यनारायण भगवान को केले को भोग लगाना चाहिए।
शिवलिंग पर चढ़ाएं जल और करें मंत्र जाप
सोमवार को सावन माह की अंतिम तिथि है। इस दिन शिवलिंग पर जल चढ़ाकर अभिषेक करें। हार-फूल और पूजन सामग्री के साथ ही बिल्व पत्र, आंकड़े के फूल विशेष रूप से चढ़ाएं। शिवजी के मंत्रों का जाप करें। मंत्र जाप कम से कम 108 बार करना चाहिए। धूप-दीप जलाकर आरती करें।
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