कनाडा इमिग्रेशन वीजा के नाम पर देश में बड़े पैमाने पर कंपनियां कर रही हैं धोखाधड़ी, रेगुलेटर के एजेंट के नाम पर ग्राहकों के साथ ठगी

(अजीत सिंह) देश से कनाडा में नौकरी के लिए जारी किए जाने वाले परमानेंट रेसिडेंस वीजा को लेकर एक बड़ा फ्रॉड सामने आया है। खबर है कि कई सारी कंपनियां इस मामले में गैरकानूनी तरीके से वीजा का काम कर रही हैं। देश में काम कर रही यह कंपनियां रेगुलेटर के दायरे में नहीं होती हैं। बावजूद इसके यह बड़े पैमाने पर इसमें काम कर रही हैं।

कनाडा सरकार के रेगुलेटर के तहत होता है वीजा का काम

दरअसल कनाडा में इमिग्रेशन वीजा या रहने के लिए किसी तरह के वीजा के लिए आपको तीन लोगों के साथ संपर्क करना होता है। इसमें कनाडियन वकील, कनाडियन नोटरी या फिर इमिग्रेशन कंसलटेंट्स ऑफ कनाडा रेगुलेटरी काउंसिल (आईसीसीआरसी https://ift.tt/2BKpFd2) के लाइसेंस्ड एजेंट के साथ आप वीजा के लिए संपर्क कर सकते हैं। आईसीसीआरसी रेगुलेटरी अथॉरिटी है जिसे इमिग्रेशन कंसलटेंट की सेवा लेनेवाले ग्राहकों की सुरक्षा के लिए कनाडा की सरकार ने स्थापित किया है।

कनाडियन नागरिक के साथ ही कर सकते हैं वीजा का काम

आईसीसीआरसी की वेबसाइट पर फ्रॉड से जुड़े नियमों को जब देखा गया तो पता चला कि इसके टिप नंबर 4 के मुताबिक कनाडा सरकार को किसी भी रिप्रजेंटेशन के लिए इन तीनों में से किसी एक का एसोसिएट होना जरूरी है। कोई भारतीय इसके लिए डायरेक्ट प्रजेंटेशन नहीं कर सकता है। नियम कहता है कि अगर कोई भारत में इमिग्रेशन कंसलटेंसी करता है तो उसे उपरोक्त तीनों में से किसी एक कनाडियन के साथ काम करना होगा।

51 कंपनियों को भेजा गया था ईमेल, जवाब एक का आया

नियम के मुताबिक कोई भी भारतीय कंपनियां या एजेंट डायरेक्ट ग्राहकों के साथ एग्रीमेंट साइन नहीं कर सकता है। एग्रीमेंट केवल ग्राहक और कनाडियन आरसीआईसी एजेंट के साथ ही हो सकता है। यानी कनाडियन वकील, नोटरी और आईसीसीआरसी एजेंट ही इसके लिए क्वालीफाई हैं। इसकी जांच करने के लिए भास्कर ने पिछले 15 दिनों से पड़ताल की। भास्कर ने इस संबंध में विक्स ग्रुप, कैरियर ओवरसीज, जेंटोरा, कनेक्ट वीजा, नार्थ अमेरिकन, वीजा इंफो, पायोनियर इमिग्रेशन, एपीआई इमिग्रेशन, कंट्रीवाइड वीजा, इमिग्रेशन आइडियाज, मोर वीजा, सिग्नेचर वीजा, बियांड इंफिनिटी और अभिनव इमिग्रेशन सहित 50 कंपनियों को ईमेल किया।

फ्रॉड गाइडलाइंस का पालन करना चाहिए- अभिनव इमिग्रेशन

इसमें से केवल एक कंपनी दिल्ली की निकली, जिसने इसका जवाब दिया। दिल्ली की कंपनी अभिनव इमिग्रेशन के अजय शर्मा ने ईमेल पर कहा कि यह सही है कि हर किसी को फ्रॉड गाइडलाइंस का पालन करना होगा। अगर कोई कंपनी ऐसा नहीं करती है तो वह सीधे-सीधे कनाडा सरकार और आईसीसीआरसी के नियमों का उल्लंघन करती है। उन्होंने कहा कि उनकी कंपनी आईसीसीआरसी के एजेंट के साथ ही एग्रीमेंट करती है न कि अभिनव इमिग्रेशन के साथ।

उन्होंने कहा कि अगर कनाडियन वकील एसोसिएटेड है तो कंपनी के साथ एग्रीमेंट हो सकता है। लेकिन एग्रीमेंट में वकील का नाम होना चाहिए और वकील को ग्राहक के साथ मैंडेट करना चाहिए।

नेशनवाइड इमिग्रेशन ने गलत जानकारी दी

बड़े पैमाने पर चल रही इस वीजा धोखाधड़ी को वेरीफाइ करने के लिए भास्कर के पत्रकार ने मुंबई की इमिग्रेशन सेवा देने वाली नेशनवाइड इमिग्रेशन के साथ एक एग्रीमेंट किया। इस एग्रीमेंट के तहत कनाडा में परमानेंट रेसिडेंट वीजा की कंसल्टिंग सेवा के लिए आवेदन किया गया। कंपनी ने इसकी फीस 70 हजार रुपए और टैक्स बताया। जब एग्रीमेंट किया गया तो पता चला कि कंपनी ने इसमें धोखाधड़ी की है।

एग्रीमेंट में एजेंट का नाम नहीं, लाइसेंस नंबर नहीं

आईसीसीआरसी के फ्रॉड एविडेंस टिप 4 में लिखा है कि एग्रीमेंट पर आईसीसीआरसी एजेंट का नाम और लाइसेंस नंबर होगा। पर जब हमने नेशनवाइड के साथ एग्रीमेंट किया तो पता चला कि उस एग्रीमेंट में ना तो उस एजेंट का नाम है, ना उसका लाइसेंस नंबर है और ना ही उसका आईडी नंबर है, जिसे नेशनवाइड ने अपनी वेबसाइट पर डाल रखा है और जिसका वाट्सऐप हमें भेजा था।

कनाडा के एजेंट ने कहा, नेशनवाइड से मतलब नहीं

नेशनवाइड का दावा है कि वह कनाडा के आरसीआईसी एजेंट कमलजीत सिंह मुंडी (आरसीआईसी-आर531489) के साथ काम करती है। इस मामले में हमने मुंडी और नेशनवाइड के डायरेक्टर राजीव अरोरा को ईमेल भेजा। पर दोनों ने सीधा जवाब नहीं दिया। लाइसेंस एजेंट मुंडी ने कहा कि जो भी लोकल कंपनी कह रही है, उसकी जिम्मेदारी हम नहीं लेते हैं। जबकि नेशनवाइड ने कहा कि वह कोई भी काम कर सकती है। इसका अधिकार उसके पास है।

नेशन वाइड इमिग्रेशन ने दी धमकी

नेशनवाइड ने 4-5 ईमेल का जवाब देते हुए धमकी भरे अंदाज में कहा कि हम प्रेस काउंसिल से लेकर अन्य कार्रवाई करेंगे। एक तरह से नेशनवाइड ने इस खबर को दबाने की भरपूर कोशिश की। एक ऐसी कंपनी जो धोखाधड़ी कर वीजा के नाम पर देश में कारोबार चला रही है। नेशनवाइड का स्टॉफ कहता है कि कमलजीत सिंह मुंडी 12 साल से कंपनी के साथ हैं। लेकिन राजीव अरोरा कहते हैं कि वे एक साल से साथ में हैं। अरोरा ने इस सवाल का भी जवाब नहीं दिया कि अगर मुंडी एक साल से ही जुड़े हैं तो 12 साल पुरानी कंपनी में 11 साल तक आरसीआईसी एजेंट कौन था।

यही नहीं, कंसलटेंट की सेवा लेने पर आईसीसीआरसी की फ्रॉड गाइडलाइंस के मुताबिक यह जरूरी है कि फॉर्म नंबर 5476 ग्राहक के साथ साइन करना जरूरी होता है। लेकिन मुंडी और अरोरा दोनों ने इसका कोई जवाब नहीं दिया।

नेशनवाइड ने कंपनी की सही जानकारी नहीं दी

अरोरा ने इसका भी सही तरीके से जवाब नहीं दिया कि कंपनी 2007 से है या कब से है। क्योंकि बात करने पर कंपनी की स्थापना को भी लेकर भ्रम रहा। इस मामले में जब हमने कहा कि हम आईसीसीआरसी को जानकारी के लिए भेज रहे हैं तो अरोरा ने कहा कि हम सूट बूट डाल कर उसके लिए तैयार हैं। बता दें कि देश से साल में हजारों भारतीय कनाडा काम के लिए जाते हैं। इस तरह की कंपनियां जो रेगुलेटेड नहीं हैं, वह दूसरों के नाम पर एग्रीमेंट कर गैर कानूनी तरीके से लोगों को भेजती हैं।

देश में यह बहुत बड़ा फ्रॉड चल रहा है

भारत में इस समय कई इमिग्रेशन कंपनियां आरसीआईसी एजेंट के नाम पर ऐसा ही काम कर रही हैं। आईसीसीआरसी की वेबसाइट कहती है इस तरह से कोई भी कंपनी वीजा के लिए काम नहीं कर सकती है। यह बहुत बड़ा फ्रॉड है। देश से कनाडा जानेवाले लोगों को इस तरह की धोखाधड़ी की सेवा देनेवाली कंपनियों से बचना चाहिए। इस मामले में अगर किसी को ऐसा अनुभव हुआ है तो वह तुरंत पुलिस में इसकी शिकायत दर्ज करा सकता है।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Fraud is happening in the country in the name of Canada's immigration visa, cheating customers in the name of the agent of the regulator


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3jTjd4E
via IFTTT
SHARE

Milan Tomic

Hi. I’m Designer of Blog Magic. I’m CEO/Founder of ThemeXpose. I’m Creative Art Director, Web Designer, UI/UX Designer, Interaction Designer, Industrial Designer, Web Developer, Business Enthusiast, StartUp Enthusiast, Speaker, Writer and Photographer. Inspired to make things looks better.

  • Image
  • Image
  • Image
  • Image
  • Image
    Blogger Comment
    Facebook Comment

0 टिप्पणियाँ:

एक टिप्पणी भेजें