कई फेडरेशनों के लिए नेशनल चैम्पियनशिप कराना अब और भी मुश्किल, सरकार की मदद के बावजूद दोगुना खर्च आता था, अब डेढ़ गुना और बढ़ेगा

कोरोनावायरस के कारण दुनियाभर में खेल जगत को भारी आर्थिक संकट झेलना पड़ रहा है। भारत में कई ऐसे स्पोर्ट्स फेडरेशन हैं, जिन्हें नेशनल चैम्पियनशिप के लिए लोकल स्पॉन्सर्स भी नहीं मिल रहे हैं। स्विमिंग, आर्चरी, फेंसिंग और जूडो समेत कई फेडरेशन हैं, जो चैम्पिनयशिप के लिए लोकल स्पॉन्सर्स पर ही डिपेंड रहते हैं। क्योंकि, खेल मंत्रालय से इन्हें एक टूर्नामेंट के लिए जो राशि मिलती है, वह खर्च की आधी से भी कम रहती है।

इन फेडरेशन के सामने दूसरी समस्या यह है कि कोरोना के कारण हर एक टूर्नामेंट में करीब डेढ़ गुना खर्च और बढ़ जाएंगे। मंत्रालय की नई एसओपी यानी गाइडलाइंस पर भी अतिरिक्त खर्चे बढ़ेंगे। जैसे- खिलाड़ियों की हर टूर्नामेंट से पहले कोरोना जांच करानीहोगी। पहले होटल के एक रूम में 5 से 6 खिलाड़ी रहते थे, अब एक ही खिलाड़ी को रुकने की मंजूरी होगी।

लोकल उद्योगपति और व्यापारी करते हैं मदद
क्रिकेट, फुटबॉल, बैडमिंटन और टेनिस जैसे खेलों को छोड़ दें तो भारत में ज्यादातर खेल फेडरेशन लोकल स्पॉन्सर्स की मदद से ही टूर्नामेंट करा पाते हैं। यह स्पॉन्सर उद्योगपति, व्यापारी और कई संस्थाएं हैं, जिनकी कोरोना के कारण आर्थिक हालत खराब चल रही है।

लोकल स्पॉन्सर्स तलाश रहे फेडरेशन
कोरोना के चलते देश में अभी बॉडी कॉम्बैट-कॉन्टैक्ट स्पोर्ट्स (जूडो, कुश्ती, कराते, बॉक्सिंग और ताइक्वांडो) की प्रैक्टिस अभी शुरू नहीं हुई है। जिन खेलों की ट्रेनिंग शुरू हो चुकी है, वे अब नेशनल चैम्पियनशिप के लिए विंडो और लोकल स्पॉन्सर्स तलाशने में जुटे हैं।

इस साल स्विमिंग नेशनल चैम्पियनशिप कराना मुश्किल
स्विमिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) के सेक्रेटरी मोनल चौकसी ने भास्कर से कहा- इस फाइनेंशियल ईयर में चैम्पियनशिप कराना बहुत मुश्किल है। स्विमिंग का तो अभी नेशनल कैंप भी शुरू नहीं हो पाया है। यदि सरकार की मंजूरी के बाद स्विमिंग पूल जुलाई तक खुल भी जाते हैं, तो दिसंबर तक नेशनल चैम्पियनशिप कराने पर विचार किया जा सकता है। चौकसी ने बताया कि सीनियर नेशनल चैंपियनशिप में 600 स्विमर शामिल होते हैं। जबकि सब-जूनियर और जूनियर नेशनल टूर्नामेंट में 1500 से ज्यादा खिलाड़ी भाग लेते हैं।

सीनियर चैम्पियनशिप में 12 से 15 लाख रुपए का खर्च
किसी भी स्पोर्ट्स की एक सीनियर नेशनल चैम्पियनशिप कराने में 12 से 15 लाख रुपए का खर्च आता है। जबकि सब-जूनियर और जूनियर चैम्पियनशिप में करीब 25 से 30 लाख रुपए खर्च आता है। यह खर्च शहर (जहां चैम्पियनशिप होना है) के हिसाब से कम या ज्यादा हो सकता है। वहीं, खेल मंत्रालय की तरफ से सभी फेडरेशन को टूर्नामेंट के लिए फिक्स पैसा दिया है। सीनियर चैम्पियनशिप के लिए 5 लाख, सब-जूनियर के लिए 7 और जूनियर नेशनल टूर्नामेंट के लिए 10 लाख लाख रुपए दिए जाते हैं।

पिछली सीनियर फेंसिंग चैम्पियनशिप का खर्च 30 लाख रुपए आया था
फेंसिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (एफएफआई) के जनरल सेक्रेटरी बसीर खान ने भास्कर से कहा- पिछले साल दिल्ली में हुई सीनियर नेशनल फेंसिंग चैम्पियनशिप में 600 एथलीट्स शामिल हुए थे। करीब 30 लाख रुपए खर्च आया था। एसोसिएशन ने लोकल स्पॉन्सर की मदद से इस चैम्पियनशिप को आसानी से करा लिया था, लेकिन अब खर्च बढ़ने से परेशानी होगी। स्पॉन्सर तलाशना भी मुश्किल होगा।

जूडो फेडरेशन के पास कोरोना जांच कराने के पैसे भी नहीं
जूडो फेडरेशन ऑफ इंडिया (जेएफआई) के महासचिव मनमोहन जायसवाल ने कहा- नेशनल चैम्पियनशिप को टाल दिया गया है। यदि कोरोना जल्दी कंट्रोल नहीं हुआ तो इस साल टूर्नामेंट होना मुश्किल है। सीनियर चैम्पियनशिप में 700 से ज्यादा खिलाड़ी शामिल होते हैं। जूनियर में 1000 से ज्यादा संख्या होती है। ऐसे में फेडरेशन के पास सभी खिलाड़ियों के कोरोना टेस्ट का पैसा भी नहीं है।

नवंबर में आर्चरी नेशनल चैम्पियनशिप होना मुश्किल
आर्चरी फेडरेशन ऑफ इंडिया (एएफआई) के सेक्रेटरी प्रमोद चांडुलकर ने कहा- आर्चरी नेशनल चैम्पियनशिप को नवंबर में कराने का प्लान है, लेकिन खर्च काफी बढ़ गए हैं। स्पॉन्सर भी नहीं मिल रहे हैं। ऐसे में टूर्नामेंट का होना मुश्किल लग रहा है। सोशल डिस्टेंसिंग समेत कोरोना की सभी गाइडलाइंस कासख्ती से पालन करना है। इस कारण चैम्पियनशिप में और ज्यादा समय लग सकता है।

खिलाड़ियों पर अब ज्यादा खर्चे होंगे
उन्होंने कहा- होटल के एक रूम में एक ही खिलाड़ी को रुकना है। साथ ही खिलाड़ियों को स्टेशन से रूम और फिर ग्राउंड तक ले जाने के लिए एक्स्ट्रा बस का इंतजाम करना होगा। स्पोर्ट्स किट से लेकर सभी चीजों को सैनिटाइज करना होगा। ऐसे में टूर्नामेंट के खर्चे डेढ़ गुना और बढ़ जाएंगे।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
Coronavirus Impact In Indian Sports: Local Sponsors Away From Swimming, Archery, Fencing And Judo


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3eUwA1H
via IFTTT
SHARE

Milan Tomic

Hi. I’m Designer of Blog Magic. I’m CEO/Founder of ThemeXpose. I’m Creative Art Director, Web Designer, UI/UX Designer, Interaction Designer, Industrial Designer, Web Developer, Business Enthusiast, StartUp Enthusiast, Speaker, Writer and Photographer. Inspired to make things looks better.

  • Image
  • Image
  • Image
  • Image
  • Image
    Blogger Comment
    Facebook Comment

0 टिप्पणियाँ:

एक टिप्पणी भेजें