कई ऐसी किताबें और ग्रंथ हैं, जिनमें जीवन से जुड़ी हुई खास बातें बताई जाती हैं। पंचतंत्र भी ऐसी ही नीति ग्रंथों में से एक है। पंचतंत्र में 6 ऐसी बातें बताई गई हैं, जो कि सच्ची दोस्ती की निशानी हैं। अगर आप और आपके दोस्तों के बीच ये 6 बातें हैं तो निश्चित ही आप एक-दूसरे के सच्चे साथी हैं।
जानिए क्या हैं वे 6 बातें-
ददाति प्रतिगृहाति गुह्ममाख्याति पृच्छति।
भुक्तये भोजयते चैव षड्विधं प्रीतिलक्षणम्।। (पंचतंत्र)
अर्थ - मित्रों के साथ वस्तुओं का आदान प्रदान, अपने प्रिय से मन की बात कहना और उससे उसके मन की बात पूछना, मित्र के साथ भोजन ग्रहण करना और उसे खिलाना, ये छः रिश्तों में प्रेम के लक्षण हैं।
- पहली और दूसरी बात है लेना और देना
दोस्ती में सिर्फ वस्तुओं का नहीं बल्कि विचारों और जिम्मेदारियों का भी लेन-देन किया जाता है। जो मनुष्य आपके साथ अपनी निजी वस्तुएं और विचार बिना किसी झिझक के बांट लेता हो, उसे अपना सच्चा दोस्त समझना चाहिए।
हम कई लोगों के साथ मिलते हैं और बातें करते हैं, लेकिन हर कोई हमें अपनी गलतियां बता कर उन्हें सुधारने की सलाह नहीं देता। ऐसा सिर्फ एक सच्चा दोस्त ही कर सकता है। इसलिए जो आपको आपकी गलती बताकर, अपने विचार हम से बांटता हो, उसे ही अपना सच्चा मित्र समझें।
- तीसरी और चौथी बात है मन की बात कहना और पूछना
हर सभी से अपने मन की बात नहीं कह पाते, इसके लिए सामने वाले पर विश्वास होना बहुत जरुरी होता है। अगर आपको किसी पर इतना विश्वास करते हैं कि उससे अपने मन की बातें कह सकें और उसकी जान सकें तो उसी व्यक्ति को अपना सच्चा मित्र समझें।
किसी से साथ ज्यादा समय बिताने या हंसी-मजाक करने से सच्ची मित्रता नहीं होती। सच्चा दोस्त तो वही होता है, जिससे आप अपने मन की बातें बिना किसी झिझक के कह सकते हैं।
- पांचवी और छठी बात है साथ खाना और खिलाना
किसी के साथ खाना और उसे खिलाना सच्ची दोस्ती की पांचवी और छठी निशानी मानी जाती है। जो लोग आपके घर-परिवार को अपना समझते हैं और आपके परिवार के साथ भी अपनापन महसूस करते हैं, वही आपके मित्र हैं।
जिन लोगों के सामने आप कुछ भी खाने या करने में खुलापन महसूस न करते हों, उन्हें कभी अपना सच्चा दोस्त न समझें।
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