एशिया के सबसे बड़े फार्मा क्लस्टर जीनोम वैली से मिल सकता है दुनिया की आधी आबादी को कोरोना टीका

(प्रमोद कुमार) हम पहुंचे हैं दुनिया की एक तिहाई वैक्सीन बनाने वाले एशिया के सबसे बड़े फार्मा क्लस्टर हैदराबाद की जीनोम वैली में। जीनोम वैली यानी वो जगह, जहां फिलहाल करीब तीन बड़ी कंपनियों के एक हजार से ज्यादा वैज्ञानिक दिन-रात कोरोना के टीके पर काम कर रहे हैं।

हम यहां पहुंचे तो बातचीत में तीन बड़ी चीजें निकलकर सामने आईं। एक, दुनिया में कोरोना वैक्सीन कहीं भी ईजाद हो, लेकिन दुनिया की आधी आबादी को दी जाने वाली यानी लगभग 400 करोड़ डोज एक साल में हैदराबाद के जीनाेम वैली में बन सकती है।

कारण, दुनिया की बड़ी वैक्सीन निर्माताओं में शुमार भारत बायोटेक, बायोलॉजीकल ई और इंडियन इम्यूनोलाॅजिकल दुनिया की शीर्ष एक दर्जन कंपनियाें के साथ मिलकर रिसर्च कर रहीं हैं। केवल इन तीनों की वैक्सीन बनाने की सालाना क्षमता 400 करोड़ डोज है। इनमें कोई भी टीका ईजाद करे तो निर्माण यहीं होगा।

अगर टीका दूसरी कंपनियां भी ईजाद करती हैं, तब भी निर्माण यहीं होने की उम्मीद है क्योंकि यहां मौजूद अन्य कंपनियां भी शामिल कर लें तो यहां सालाना 600 करोड़ डोज बनाने की क्षमता है। दूसरी, एक तरह की वैक्सीन सभी इंसानों पर काम नहीं कर पाएगी, इसलिए ये कंपनियां 8 तरह की वैक्सीन पर काम कर रही हैं। मतलब, लक्षण देखकर हर व्यक्ति को अलग-अलग वैक्सीन दी जाएगी। तीसरी बात, वैक्सीन के लिए अभी कम से कम 8 महीने और इंतजार करना होगा। ये अप्रैल 2021 से पहले नहीं आ पाएगी।

हम सबसे पहले पहुंचे बेगमपेट स्थित तेलंगाना सरकार के लाइफ साइंस एंड फार्मा सिटी के दफ्तर। वहां लाइफ साइंस के डायरेक्टर एवं जीनोम वैली के सीईओ शक्ति नागप्पन से मुलाकात हुई। नागप्पन कहते हैं कि दुनिया की एक तिहाई वैक्सीन यहां बनती हैं। देश का अनुमानित 60 फीसदी प्रोडक्शन भी यहीं होता है। वे आगे बताते हैं कि फार्मा कंपनियों के अनुसार मार्च 2021 के बाद वैक्सीन आ सकती है।

भारत बायोटेक 3 तरह, बायोलॉजीकल ई 3 तरह और इंडियन इम्यूनॉजीकल 2 तरह की वैक्सीन बना रही हैं। सभी रिसर्च कर रहे हैं, जो सबसे बेहतर वैक्सीन हो वो सबसे पहले लाएंगे। पहले जो वैक्सीन आई हैं वो केवल एक तरह से काम करती थीं, लेकिन कोविड की हर वैक्सीन का मैकेनिज्म अलग होगा। कुछ वैक्सीन 2 महीने, कुछ एक साल का तो कुछ लाइफ टाइम काम कर सकती हैं। किसी का रिसर्च पूरा वायरस खत्म करने का है तो किसी का एक साल तक रोकने का है।

जीनोम वैली के वैज्ञानिक डॉ. प्रभुकुमार चालानी कोरोना के अलावा एंटीबॉडी पर भी रिसर्च कर रहे हैं। रिसर्च कंपनी का नाम न बताते हुए उन्होंने कहा कि काेविड वैक्सीन एक तरह की बन ही नहीं सकती, क्योंकि इसके वायरस 1300 तरह के हैं। मलेशिया में फैला एक कोविड वायरस इंसान को तत्काल मार देता है तो दूसरा वायरस अश्वेतों पर कम असर करता है। उम्र का अंतर होने पर भी असर अलग-अलग है, तो एक वैक्सीन कैसे बन सकती है।

कुछ वैज्ञानिक तो अपने घर भी नहीं जा रहे हैं

भारत बायोटेक के एक स्टाफ ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि रिसर्च एरिया में वैज्ञानिकों के अलावा अन्य किसी को आने की इजाजत नहीं है। एक वरिष्ठ वैज्ञानिक ने बताया कि भारत बायोटेक के 120 वैज्ञानिक और 200 वैज्ञानिक सहयोगी (साइंटिफिक वर्कफोर्स) राेज तकरीबन 18-18 घंटे काम कर रहे हैं।

बायोलॉजिकल ई के एक स्टाफ ने बताया कि एक और शिफ्ट शुरू हो गई है। पहले तो 5-10 लोग ही रुकते थे। अब 300 वैज्ञानिक रुकते हैं। कई बार 100-100 पैकेट खाना भी बाहर से पैक होकर आता है। यहां के बाद हम इंडियन इम्यूनाेलॉजिकल के प्लांट पहुंचे।

वहां एक अधिकारी ने बताया कि हमारा फर्स्ट फेज का ह्यूमन ट्रायल शुरू हो गया है। हमारी कोशिश है कि सेकंड फेस का ट्रायल पूरा करने के बाद वैक्सीन बनाना शुरू कर दें। तीसरे ट्रायल की जरूरत न रहे, इसके लिए आवश्यक जरूरी नियमों के अनुसार हम कदम उठा रहे हैं।

हमारे 180 वैज्ञानिक और उनके 150 सहयोगी सुबह 8 से लेकर शाम 7 बजे तक रिसर्च कर रहे हैं। हमारे करीब 15 वैज्ञानिक तो घर भी नहीं जाते हैं। हम कोशिश कर रहे हैं कि जल्द से जल्द दुनिया को कोरोना का टीका मिल जाए।

4 लाख नौकरियां आएंगी यहां

  • 18 देशों की 200 कंपनियां जीनोम वैली में रिसर्च करती हैं। इस फार्मा कलस्टर में 15 हजार साइंटिस्ट रिसर्च करते हैं।
  • 600 करोड़ वैक्सीन डोज सालान बनाने की क्षमता है। इसे सिटी ऑफ वैक्सीन कहा जाता है।
  • 14 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा राजस्व प्राप्त होता है जीनोम वैली से सरकार को।
  • 4 लाख नई नौकरियां आएंगी यहां अगले 10 सालों में, 100 अरब डॉलर का उद्योग पनपेगा। वैली की स्थापना वर्ष 1999 में हुई थी।


आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
हैदराबाद की इस वैली में प्रदूषण फैलाने वाली गोली-कैप्सूल बनाने की अनुमति नहीं देते हैं। इसलिए जीनोम वैली को ग्रीन और क्लीन वैली भी कहा जाता है।


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2D9VMU3
via IFTTT
SHARE

Milan Tomic

Hi. I’m Designer of Blog Magic. I’m CEO/Founder of ThemeXpose. I’m Creative Art Director, Web Designer, UI/UX Designer, Interaction Designer, Industrial Designer, Web Developer, Business Enthusiast, StartUp Enthusiast, Speaker, Writer and Photographer. Inspired to make things looks better.

  • Image
  • Image
  • Image
  • Image
  • Image
    Blogger Comment
    Facebook Comment

0 टिप्पणियाँ:

एक टिप्पणी भेजें