एनसीबी ने क्षितिज रवि प्रसाद के वकील सतीश मानशिंदे द्वारा लगाए गए आरोपों पर दी सफाई है। एनसीबी ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रेस रिलीज जारी की है। जिसमें कहा गया है कि ये दुर्भावनापूर्ण तरीके से बेहद गलत बात की गई है।
नारकोटिक्स की मुम्बई यूनिट ने क्षितिज रवि प्रसाद के घर से बरामद ड्रग की मात्रा के बाद ही उन्हें कानूनी तरीके से अरेस्ट किया है। इसके साथ ही उनके वकील और परिवार (उनकी माँ) को भी कानूनी तौर से बताया गया था। एनसीबी ने साफ किया कि हमने उनकी पत्नी और ससुर को भी मिलने की इजाजत दी थी।
नारकोटिक्स ने अपनी सफाई में ये भी बताया है कि क्षितिज जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे, जिसकी जानकारी संबंधित कोर्ट के संज्ञान में भी लाई गई थी। इसी आधार पर हमने मेडिकल चेकअप के बाद उनकी पुलिस रिमांड ली थी।
सतीश ने एनसीबी पर लगाए थे ये आरोप
बॉलीवुड ड्रग केस में गिरफ्तार किए गए क्षितिज के वकील ने एनसीबी पर गंभीर आरोप लगाए थे। जिसमें सतीश ने कहा था कि नारकोटिक्स के अधिकारियों ने क्षितिज को झूठा बयान देने के लिए दबाव बनाया था, ताकि वह बयान में करण जौहर, सोमेन मिश्रा, राखी, अपूर्वा, नीरज, राहिल, जैसी सेलेब्रिटीज का नाम शामिल कर लें।
जब क्षितिज ने इन सबसे इनकार कर दिया तब समीर वानखेड़े ने कहा कि वो उसको सबक सिखाएंगे और उसको अपनी कुर्सी के बगल फर्श पर बैठ दिया और उसके चेहरे पर अपना जूता रख दिया। सतीश ने ये भी आरोप लगाए थे कि क्षितिज के घर से कुछ भी बरामद नही हुआ था लेकिन पुलिस ने सिगरेट की बट का पंचनामा गांजे के जॉइंट के रूप में दिखाया है। जिसकी चर्चा तमाम मीडिया हाउस से लेकर सोशल मीडिया तक छाई रही।
कोर्ट में क्षितिज ने नहीं किया था टाॅर्चर का जिक्र
पुलिस हिरासत के बाद जब उन्हें दोबारा कोर्ट के सामने हाजिर किया गया था तो कोर्ट ने भी इस तरह के किसी भी बुरे बर्ताव को नोटिस में नहीं लिया था। जिससे साफ होता है कि एनसीबी की हिरासत में क्षितिज को किसी भी तरह की शारीरिक प्रताड़ना नहीं दी गई थी।
इतना ही नही, क्षितिज ने खुद भी इस तरह के किसी दुर्व्यवहार का जिक्र नहीं किया था। एनसीबी ने मीडिया की खबरों को पूरी तरह तथ्यहीन और बेबुनियाद बताया है। नारकोटिक्स विभाग ने कहा कि ये सच से परे है।
एनसीबी ने अपनी सफाई तो दे दी है लेकिन बॉलीवुड के इस हाई प्रोफाइल केस में आगे भी इस तरह के आरोपों और प्रत्यारोपों का दौर चलता रहेगा। ऐसे में नारकोटिक्स विभाग को भी उन गलतियों से बचना होगा जो मुम्बई पुलिस ने की थी।
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