ईशा फाउंडेशन के सदगुरु जग्गी वासुदेव बताते हैं कि किसी भी काम करने, खुशियां पाने और जीवन को जीने के कई सरल तरीके हैं। लेकिन ज्यादातर लोग अपनी ही सोच या भावनाओं से जीवन को कब जटिल बना लेते हैं। उन्हें पता ही नहीं चलता। ज्यादातर लोग खुद की सोच और भावनाओं की वजह से ही परेशान हैं। इसके लिए अपने शरीर, मन और भावनाओं का सही प्रबंधन करने पर तनाव से छुटकारा मिल सकता है। जिससे हर काम खुशी के साथ आसानी से हो सकता है।
आसान और तनाव मुक्त जीवन के लिए सदगुरु की बातें
- कठिन चीजें आसानी से पूरी की जा सकती है, जरूरत हमें सिर्फ उन्हें पाने के लिए समर्पित भाव से काम करने की है।
- लोग अपने दिमाग को कंट्रोल क्यों करना चाहते हैं, उन्हे तो अपने दिमाग को आजाद कर देना चाहिए।
- कुंठा, निराशा और अवसाद का मतलब है कि आप अपने ही खिलाफ काम कर रहे हैं।
- हर चीज को वैसे ही देखें जैसी वो है इससे आप जीवन सहजता से जी सकेंगे।
- वास्तविक रूप से ज्यादातर इच्छाएं आपकी नहीं होती। आप तो बस इन्हें अपने सामाजिक परिवेश से उठा लेते हैं।
- जिम्मेदारी का मतलब है कि जीवन में आने वाली किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए सक्षम होना
- कोई काम तनाव भरा नहीं होता। शरीर, मन और भावनाओं का सही प्रबंधन नहीं कर पाते, इसी से तनाव बनता है।
- किसी काम के लिए जरूरी हो तो निर्णय लें। पहले से ही राय न बनाएं। राय आपकी बुद्धि के बाधा बन जाती है।
- किसी से लगाव होने की वजह कोई दूसरा व्यक्ति नहीं है। यह तो सिर्फ आपकी एक कमजोरी है।
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