भारत लॉकडाउन के दौर से धीरे-धीरे बाहर आ रहा है। महीनों से बंद पड़ी चीजों को सरकार ने अनलॉक प्रक्रिया के तहत एक-एक करके खोल दिया है, लेकिन अब भी कई सेक्टर सरकार की इजाजत की राह देख रहे हैं। इन्हीं में से एक सेक्टर है एंटरटेनमेंट का। हर शुक्रवार को दर्शकों से गुलजार रहने वाले सिनेमाघर करीब 25 हफ्तों से बंद हैं। हालांकि, अनलॉक 4 की गाइडलाइंस से उम्मीद की जा रही है कि थिएटर अक्टूबर में खुल सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो यह खबर सिने प्रेमियों और थिएटर में काम करने वालों के लिए खुशखबरी साबित होगी।
थिएटर मालिक भी सरकार से लगातार सिनेमाघर शुरू करने की अपील कर रहे हैं। इसके अलावा मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया, ग्लोबल स्टैंडर्ड के आधार पर एसओपी बनाकर केंद्र को पहले ही भेज चुका है, ताकि जल्द से जल्द थिएटर खुल सकें।
कोरोना दौर में हमें मनोरंजन के साथ-साथ सावधानियों और सुरक्षा का भी ध्यान रखना होगा। लखनऊ स्थित बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर यूनिवर्सिटी में माइक्रोबायोलॉजी विभाग के प्रमुख और प्रोफेसर राजेश कुमार थिएटर में फिल्म देखने को सुरक्षित नहीं मानते हैं।
बेसिक सेफ्टी का कैसे ध्यान रखें?
मास्क, सैनिटाइजर और डिस्टेंसिंग जरूरी
- प्रोफेसर राजेश कहते हैं कि अगर मूवी देखने जा रहे हैं तो सबसे पहले अपनी एक किट तैयार कर लें, जिसमें मास्क, सैनिटाइजर शामिल हो। अगर हो सके तो अपने साथ अल्कोहल वाइप्स भी रखें। ध्यान रखें कि कोविड 19 से पूरी तरह बचने का कोई तरीका नहीं है। ऐसे में आपको अपने साथ-साथ परिवार द्वारा मास्क के उपयोग को लेकर सतर्क रहना होगा।
- थिएटर में वैसे तो कोशिश करें कि कुछ खाने-पीने से बचें, लेकिन यदि कुछ खाते हैं तो ही मास्क हटाएं। इसके अलावा सोशल डिस्टेंसिंग और हाथ की सफाई का भी खासा ध्यान रखें। अपने चेहरे या कपड़ों को छूने से पहले हाथों को ठीक तरह से सैनिटाइज जरूर कर लें।
थिएटर के अंदर मास्क क्यों?
- खराब वेंटिलेशन: कोरोनावायरस से बचने का एक तरीका अच्छा वेंटिलेशन है, जो आमतौर पर सिनेमाघरों में नहीं मिलता। कई थिएटर्स में एयर सर्कुलेशन अच्छा होता है, लेकिन फिर भी हवा में कोरोनावायरस के तैरने की संभावना बनी होती है।
- इंडोर: एक्सपर्ट्स के मुताबिक, अंदर से ज्यादा बाहर रहना सुरक्षित है, लेकिन घंटों लंबी मूवी देखने के दौरान आप कई लोगों के बीच छोटी जगह पर ज्यादा समय गुजार रहे हैं। ऐसे में किसी और की सांस से निकले ड्रॉपलेट्स की आप तक पहुंचने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।
- अंधेरा और शांति: हमने पहले भी ऐसे कई लोगों को देखा है, जो बगैर मास्क के सार्वजनिक जगहों पर घूमते हैं। जबकि, थिएटर में अंधेरा और शांत माहौल होता है। यहां आप पता नहीं लगा सकते कि किसने मास्क नहीं पहना है। ऐसे में आपका चेहरे को कवर करना जरूरी हो जाता है।
परिवार के साथ मूवी थिएटर कितना सुरक्षित है?
- सेंटर्स फॉर डिसीज प्रिवेंशन एंड कंट्रोल ने भी मूवी थिएटर को हाई रिस्क एक्टिविटीज में शामिल किया है। आप कहीं भी कोरोनावायरस के जोखिम से पूरी तरह नहीं बच सकते हैं। अगर आप अपनी तरह से सावधानियों का ध्यान रख रहे हैं तो रिस्क को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
- परिवार के साथ फिल्म देखने जा रहे हैं तो दूसरों से जितना दूर हो सके, उतनी दूरी बनाकर बैठें। सदस्यों को बताएं कि किसी भी सतह को छुएं नहीं। इस दौरान बुजुर्गों और बच्चों के टच का खास ध्यान रखें।
बाथरूम में क्या सावधानियां रखें?
- दर्शकों की सुरक्षा के लिए थिएटर पहले से ही सैनिटाइजर और हैंड वॉश जैसे इंतजाम कर रहे हैं। आपको वहां पहुंचने के बाद इनके इस्तेमाल का ध्यान रखना है।
- सफर पर निकले लोगों को सार्वजनिक टॉयलेट का उपयोग करने से पहले एक्सपर्ट्स दो बार हाथ धोने की सलाह देते हैं। बाथरूम में जाने के बाद हाथ धोएं और बाहर आने से पहले हाथ धोएं। किसी भी सतह को छूने की कम से कम कोशिश करें।
सीट साफ करना अच्छा उपाय हो सकता है
सीडीसी के मुताबिक, सतह कोरोनावायरस फैलने का मुख्य जरिया नहीं हो सकती है। हालांकि, यह डोज पर निर्भर करता है कि किसी व्यक्ति को बीमार होने के लिए कितना वायरस चाहिए। अगर हो सके तो किट में शामिल अल्कोहल वाइप्स से सीट की सतह को साफ कर लें। विदेशों में थिएटर कंपनियां मूवी शोज के बीच भी सफाई कर रही हैं।
थिएटर और शो का सही चुनाव
अगर आप थिएटर में ही मूवी देखने का पूरा मन बना चुके हैं तो ऐसे सिनेमाघर और शो के समय का चुनाव करें, जब भीड़ कम हो। ऐसे में आप दूसरों के संपर्क में कम से कम आएंगे। बड़े मूवी थिएटर का चुनाव करें, ताकि आपको फिल्म देखने के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने में आसानी हो।
ऑनलाइन टिकट बुकिंग
मल्टीप्लेक्स कंपनियों के सीईओ का कहना है कि उन्होंने पेपरलेस टिकट, सीटों के बीच दूरी, लंबे ब्रेक और शो के बीच में सैनिटाइज करने की तैयारी की है। टिकट की लाइन और भीड़ से बचने के लिए ऑनलाइन ऐप्स की मदद से टिकट खरीदें। हो सकता है कि आपको कोई बढ़िया ऑफर मिल जाए।
एसओपी में मास्क, थर्मल स्कैनिंग, सैनिटाइजर के साथ ही लॉबी-रेलिंग और दरवाजों की नियमित सफाई शामिल है। साथ ही एक साथ दो स्क्रीन पर शो शुरू नहीं होंगे। इससे मल्टीप्लेक्स में भीड़ नहीं लगेगी और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा सकेगा।
मूवी देखते वक्त कुछ खाना सही है क्या?
प्रोफेसर कुमार कहते हैं कि अगर खाना गर्म है तो सुरक्षित है, लेकिन अगर ठंडा है और आसपास गंदगी है, तो इससे बचें। खाना खाने से पहले सैनिटाइजर के बजाए साबुन से हाथ धोएं, क्योंकि कई बार सैनिटाइजर से हाथ साफ करने के बाद भी ट्रेसेस लगे रह जाते हैं। बाजार में कई खराब क्वालिटी के सैनिटाइजर भी मिल रहे हैं, जिनके केमिकल आपको नुकसान पहुंचा सकते हैं।
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