सद्गुरु जग्गी वासुदेव का कहना है कि बार-बार कोशिश करने पर भी अगर किसी काम में सफलता न मिले तो अपनी कोशिशों में बदलाव लाने की जरूरत है। इसके साथ ही अपनी सोच बदलनी चाहिए। सफलता मिलना या न मिलना ये बात काम करने के तरीकों के साथ ही सोच और कोशिशों पर भी निर्भर है। इसके लिए सोच और भावनाएं बदलकर किसी काम के लिए मेहनत करनी चाहिए न कि किस्मत और संयोगों के भरोसे रहें। इसके लिए सद्गुरु के बताए सूत्रों पर चलने से काम का तरीका बदल सकता है। जिससे सफलता मिलती है।
सद्गुरु जग्गी वासुदेव के सूत्र
किस्मत की बात भूल जाएं, करें इरादा पक्का
जीवन में कुछ बातें या घटनाएं संयोगवश हो सकती हैं। लेकिन आप अगर इस इंतजार में रहेंगे कि सब कुछ अपने आप ही हासिल होगा, तो शायद आप जिंदगीभर इंतजार ही करते रह जाएंगे, क्योंकि संयोग हमेशा तो नहीं हो सकता। जब तक आप किसी संयोग का इंतजार करते रहेंगे, आप व्यग्र रहेंगे। लेकिन जब आप पक्के इरादे के साथ अपनी क्षमताओं का भरपूर इस्तेमाल करते हुए अपनी मंजिल की तरफ बढ़ेंगे, तब यह बात मायने नहीं रखती कि क्या हुआ और क्या नहीं हुआ। आपके साथ जो भी होगा कम से कम वह आपके वश में होगा और जो भी नतीजा मिलेगा वह आप के कर्मों का फल होगा। इससे आप सुकून का जीवन जी पाएंगे।
विफलताओं से कभी निराश न हों
लक्ष्य के प्रति समर्पित इंसान के लिए विफलता जैसी कोई चीज नहीं होती। अगर एक दिन में आप सौ बार गिरते हैं तो इसका मतलब हुआ कि आपको सौ सबक मिल गए। अगर आप अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित हो जाएं, तो आपका दिमाग भी उसी तरह सुनियोजित हो जाएगा। जब आपका दिमाग सुनियोजित रहेगा तो आपकी भावनाएं भी उसी के अनुसार रहेंगी, क्योंकि जैसी आपकी सोच होगी, वैसी ही आपकी भावनाएं होंगी। एक बार जब आपकी सोच और भावनाएं सुनियोजित हो जाएंगी, आपकी ऊर्जा की दिशा भी वही होगी और फिर आपका शरीर भी एक लय में आ जाएगा। जब ये चारों एक ही दिशा में बढ़ें तो लक्ष्य हासिल करने की आपकी क्षमता गजब की होगी। आप अपने भाग्य के रचयिता बन सकते हैं।
सदैव स्पष्ट सोच के साथ काम करें
आत्मविश्वास से अधिक स्पष्टता हाेनी चाहिए। यदि आप किसी भीड़ को पार कर कहीं पहुंचना चाहते हैं, आपकी दृष्टि सही जगह पर है और आप देख पा रहे हैं कि भीड़ कहां खड़ी है, तो आप बहुत आसानी से बिना किसी से टकराए अपना रास्ता बनाते हुए अपनी मंजिल तक पहुंच जाएंगे। लेकिन आपकी नजर अगर सही जगह पर नहीं है और महज विश्वास है, तो आप हर किसी से टकराते रहेंगे। लोगों को लगता है कि महज उनका आत्मविश्वास ही उनके अंदर की स्पष्टता की कमी को पूरा कर देगा। लेकिन ऐसा कतई नहीं है। सफलता पाने के लिए मनुष्य के अंदर आत्मविश्वास के साथ-साथ अपने लक्ष्य को लेकर स्पष्टता भी होना जरूरी है।
हर उस व्यक्ति और चीजों को अपनाएं, जो आपको नापसंद हैं
जीवन में हमें अलग-अलग किरदार निभाने पड़ते हैं। लेकिन अधिकतर लोगों का व्यक्तित्व पत्थर की तरह होता है, जो हमेशा उन पर हावी रहता है। अगर आप ऐसी स्थिति से बचना चाहते हैं, ऐसे व्यक्ति को साथी बना लें, जिसे आप अब तक नापसंद करते रहे हों। उस व्यक्ति के साथ समय बिताएं, उन कामों को करने की आदत डालें जो आपको अब तक नापसंद थे।
मुझे क्या मिलेगा का हिसाब - किताब करना छोड़ दें
मुझे क्या मिलेगा या मेरा क्या होगा’, इसकी चिंता छोड़कर अगर अपने जीवन के लक्ष्य पर ध्यान देंगे तो आप एक असाधारण व्यक्ति बन जाएंगे। बस, मेरा क्या होगा’ की चिंता अपने दिमाग से निकाल दें और अपनी क्षमता के हिसाब से बेहतरीन काम करने पर अपना ध्यान केंद्रित करें। आप खुद ही असाधारण व्यक्ति हो जाएंगे, क्योंकि तब आपका मकसद अपने आसपास की दुनिया को बेहतर बनाना होगा।
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