चेन्नई में समुद्र किनारे बना है, तीन मंजिला और 32 कलश वाला लक्ष्मीजी का मंदिर

दीपावली से पहले शरद पूर्णिमा पर देवी लक्ष्मी की विशेष पूजा का विधान है। माना जाता है इस पर्व पर देवी लक्ष्मी का प्राकट्य हुआ था। इसलिए देश के हर लक्ष्मी मंदिर में देवी का विशेष श्रृंगार और पूजा की जाती है। इस दिन चेन्नई के आडयार समुद्र तट पर बने अष्टलक्ष्मी मंदिर में देवी लक्ष्मी के आठ स्वरूपों की पूजा की जाती है। देवी लक्ष्मी के अलावा यहां भगवान विष्णु के 10 अवतार, गणेशजी और अन्य कई देवी-देवताओं की भी मूर्तियां हैं। इस मंदिर में महालक्ष्मी, धनलक्ष्मी, शांता लक्ष्मी, विजय लक्ष्मी, गजलक्ष्मी, आदिलक्ष्मी, धैर्यलक्ष्मी और ध्यान लक्ष्मी आदी रूपों में लक्ष्मी जी की मूर्तियां स्थापित हैं। लक्ष्मीजी के ये स्वरूपों की पूजा का फल इनके नाम के अनुसार ही मिलता है।

विशाल गुंबद वाला ॐ के आकार में बना मंदिर
चेन्नई में स्थित ॐ के आकार में बना माता अष्टलक्ष्मी मंदिर देवी लक्ष्मी के सभी स्वरूपों को समर्पित है। यहां देवी लक्ष्मी के 8 स्वरूप विराजमान हैं, इसलिए इसे अष्टलक्ष्मी मंदिर के नाम से जाना जाता है। लोक मान्यताओं के अनुसार, यहां अष्टलक्ष्मी के दर्शन करने से श्रद्धालुओं को धन, विद्या, वैभव, शक्ति और सुख की प्राप्ति होती है। बाहर से मंदिर बेहद खूबसूरत है। दक्षिण भारत के अन्य मंदिरों की तरह ही, यह मंदिर भी विशाल गुंबद वाला है।

32 कलशों वाला तीन मंजिला मंदिर
मंदिर का निर्माण 1974 में आरंभ किया गया था। इस मंदिर का निर्माण निवास वरदचेरियार की अगुवाई में बनी समिति ने करवाया था। 5 अप्रैल 1976 से इस मंदिर में विधिवत पूजा-अर्चना शुरू हुई थी। यह मंदिर 65 फीट लंबा और 45 फीट चौड़ा है। यह तीन मंजिला मंदिर है, जिसके चारों ओर विशाल आंगन हैं। मंदिर की वास्तुकला उथिरामेरुर में सुंधराराज पेरुमल मंदिर से ली गई है। 2012 में, मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया था। मंदिर में कुल 32 कलशों को नवनिर्मित किया गया था, जिसमें गर्भगृह के ऊपर 5.5 फीट ऊंचा गोल्ड प्लेटेड कलश भी शामिल है।

चढ़ाते हैं कमल का फूल
विशाल गुंबद वाले अष्टलक्ष्मी मंदिर में देवी लक्ष्मी की सभी प्रतिमाएं अलग-अलग तल पर स्थापित की गई हैं। यहां पूजन की शुरुआत दूसरे तल से होती है, जहां देवी महालक्ष्मी और महाविष्णु की प्रतिमा रखी गई हैं। तीसरे तल पर शांता लक्ष्मी, विजय लक्ष्मी और गजालक्ष्मी विराजमान हैं। चौथे तल पर सिर्फ धनलक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित है। इसके अलावा पहले तल पर आदिलक्ष्मी, धैर्यलक्ष्मी और ध्यान लक्ष्मी का तीर्थस्थल है। सभी प्रतिमाएं घड़ी की सुईयों की दिशा में आगे बढ़ने पर दिखाई देते हैं। अंत में नवम मंदिर है, जो भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी को समर्पित है। दाम्पत्य जीवन का सुख मांगने वाले भक्त, इसके दर्शन किए बिना नहीं जाते। यहां कमल के फूल चढ़ाने की परंपरा है।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Lakshmi Tirtha of South is built on the sea shore in Chennai, Laxmiji Temple with three-story and 32 Kalash.


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/31UeGHL
via IFTTT
SHARE

Milan Tomic

Hi. I’m Designer of Blog Magic. I’m CEO/Founder of ThemeXpose. I’m Creative Art Director, Web Designer, UI/UX Designer, Interaction Designer, Industrial Designer, Web Developer, Business Enthusiast, StartUp Enthusiast, Speaker, Writer and Photographer. Inspired to make things looks better.

  • Image
  • Image
  • Image
  • Image
  • Image
    Blogger Comment
    Facebook Comment

0 टिप्पणियाँ:

एक टिप्पणी भेजें