बुधवार, 4 नवंबर को महिलाओं का महापर्व करवा चौथ है। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी पर महिलाएं अपने जीवन साथी की लंबी उम्र, अच्छे स्वास्थ्य और सौभाग्य के लिए निर्जला व्रत रखती है और शाम को चंद्र दर्शन और पूजन के बाद जल ग्रहण करती हैं। भोपाल की विज्ञान प्रसारक सारिका घारु के अनुसार इस साल चंद्र के साथ ही मंगल, गुरु और शनि को देखने का सुनहरा अवसर है।
इस दिन शाम को 8 बजे के बाद चंद्र उदय होगा। चंद्र के दर्शन अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग समय पर हो सकेगा। भोपाल में चंद्रोदय शाम 8.24 बजे होगा। चंद्रमा के पीछे वृषभ राशि तारामंडल को देखा जा सकेगा। साथ ही, लाल चमकता ग्रह मंगल भी पूर्व दिशा में दिखाई देगा। पश्चिम दिशा में गुरु और शनि दिखाई देंगे। इस दिन चंद्र और पृथ्वी के बीच की दूरी 4 लाख किमी से ज्यादा रहेगा। ये ग्रह करीब 90 प्रतिशत चमक के साथ दिखाई देगा।
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार इस तिथि पर रात में चौथ माता की पूजा की जाती है और चंद्रोदय के बाद चंद्र को अर्घ्य दिया जाता है। इसके बाद ही महिलाएं जल और भोजन ग्रहण करती हैं। करवा चौथ माता की पूजा में उनकी कथा पढ़ना और सुनना भी जरूरी परंपरा है।
इस दिन चंद्र के साथ ही गणेशजी, शिव-पार्वती की भी विशेष पूजा करनी चाहिए। गणेशजी को दूर्वा, जनेऊ सहित अन्य पूजन सामग्री अर्पित करें। भोग लगाएं। दीपक जलाकर आरती करें। गणेशजी के मंत्र ऊँ गं गणपतयै नम: मंत्र का जाप करें। शिवजी और पार्वती की पूजा में ऊँ उमामहेश्वराय नम: मंत्र का जाप करना चाहिए। इस मंत्र से शिवजी और माता पार्वती का ध्यान हो जाता है।
करवा चौथ पर किसी जरूरतमंद महिला को सुहाग का सामान दान करें। जैसे लाल साड़ी, चूड़ियां, बिंदी, आभूषण आदि। इस शुभ काम से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।
ये भी पढ़ें
अनमोल विचार:जीवन हमेशा अपने सबसे अच्छे स्वरूप में आने से पहले किसी संकट का इंतजार करता है
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/364tCEG
via IFTTT
0 टिप्पणियाँ:
एक टिप्पणी भेजें