बुढ़ापे में पति-पत्नी को एक-दूसरे की देखभाल बच्चों की तरह करनी चाहिए

कहानी- महात्मा गांधी के जीवन की एक घटना है। वे उस समय विदेश गए थे। उनके साथ पत्नी कस्तूरबा भी थीं। वहां गांधीजी के सम्मान में एक कार्यक्रम रखा गया था। जो व्यक्ति कार्यक्रम का संचालन कर रहा था, वह ये बात जानता था कि गुजराती में मां जैसी महिला को 'बा' कहा जाता है।

मंच संचालक ने घोषणा की, 'गांधीजी के साथ उनकी मां भी आई हुई हैं, हम उनका भी सम्मान करते हैं।'

वहां मौजूद लोग ये सुनकर घबरा गए। तुरंत मंच संचालक को एक चिट्ठी भेजी गई कि आपने गांधीजी की पत्नी को उनकी मां कह दिया है, भूल का सुधार करें। चिट्ठी देखकर संचालक भी घबरा गया।

फिर गांधीजी के संबोधन की बारी आई। गांधीजी भी मजाकिया स्वभाव के थे। उन्होंने कहा, 'मंच संचालक भाई ने भले ही संबोधन में गलती की है, लेकिन उनकी बात बिल्कुल सच है। उन्होंने बा को मेरी मां बताया है। सच तो ये है कि इस उम्र में कस्तूरबा मेरी देखभाल ठीक इसी तरह करती हैं, जैसे कोई मां अपने बच्चे की देखभाल करती हैं।' इसके बाद कार्यक्रम में गांधीजी ने इस रिश्ते की व्याख्या बहुत अच्छे तरीके से की थी।

सीख- गांधीजी से जुड़ी ये घटना हमें संदेश दे रही है कि अगर पति-पत्नी बूढ़े हो गए हैं तो बच्चों की तरह ही एक-दूसरे का ध्यान रखना चाहिए। क्योंकि, शरीर थक चुका है, दोनों ने एकसाथ लंबी यात्रा की है, जैसे गांधीजी के साथ कस्तूरबा ने की थी। इससे दोनों के बीच प्रेम और समर्पण बना रहता है। यही सुखी दांपत्य का जीवन मंत्र है।



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Milan Tomic

Hi. I’m Designer of Blog Magic. I’m CEO/Founder of ThemeXpose. I’m Creative Art Director, Web Designer, UI/UX Designer, Interaction Designer, Industrial Designer, Web Developer, Business Enthusiast, StartUp Enthusiast, Speaker, Writer and Photographer. Inspired to make things looks better.

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