चीन के चंगुल में नेपाल, बिहार से रोटी-बेटी का रिश्ता खत्म करने पर आमादा है

चीन की चाल में फंसा नेपाल हमसे रोटी-बेटी का संबंध भूल गया है। चीन के चंगुल में आने के बाद वहां भारत विरोधी भावना भरी जा रही है। नेपाल के व्यापारिक शहरों में प्रमुख वीरगंज में काफी संख्या में बिहारी रहते हैं। यहां के युवा कहते हैं- हम भारत से अच्छे संबंध चाहते हैं, लेकिन आप इसे अपना देश न समझें। बाॅर्डर सील होने से नेपाल में नमक 100 रुपए किलो बिक रहा है। भारत की बेटियों के बहू बनने पर 7 साल बाद नेपाली नागरिकता देने के कानून ने भी संबंधों में और कड़वाहट भर दी है।

चीनी भाषा बोल रहा नेपाल

भारत से सबसे अच्छे संबंधों वाले देशों में पहले नंबर पर आने वाले नेपाल के सुर बदले हुए हैं। अब वह पूरी तरह से चीनी भाषा बोल रहा है। गलती किसकी? इस तो बहस होती रहेगी। वर्तमान में इसका सबसे ज्यादा नुकसान बिहार को है। हजारों की संख्या में बिहार के परिवारों के लोग नेपाल में हैं। इसलिए वर्तमान तनाव से बिहार-नेपाल की सीमावर्ती क्षेत्रों पर पड़ते असर पर दैनिक भास्कर की दाे टीमों ने 7 दिन तक पड़ताल की।

पहली टीम वाल्मीकिनगर से चलकर भिखनाठाेढ़ी, रक्सौल, बलुआके बाद सीतामढ़ी के बैरगनिया, परिहार, सुरसंड हाेते हुए भिट्ठामाेड़ तक एवं दूसरी टीम मधुबनी के मधवापुर, जयनगर, लाैकहा, सुपाैल के भीमनगर से अररिया के जाेगबनी से किशनगंज के गलगलिया हाेते हुए दिघलबैंक तक करीब 729 किलाेमीटर दूरी तक की सफर की। टीम ने नेपाल के गांवों में जाकर वहां के हालात भी जाने।

रोटी के संबंध पर चोट:नेपाल में नमक 100 तो सरसों तेल की कीमत 250 रुपए प्रति किलो

भारत-नेपाल के रिश्ताें में आई तल्खी का असर दोनों ओर के लोगों की जेब पर भी दिखने लगा है। सीमाएं सील होने का सीधा असर व्यापार पर पड़ा है। भारत में राशन से लेकर कपड़ा तक का व्यापार नेपाल के खरीददारों पर निर्भर है। लेकिन नेपाल ने अपने नागरिकों को भारत में प्रवेश करने से रोक रखा है। इधर से भी आवाजाही बंद है। सामान्य दिनाें में दोनों के बीच 4.21 बिलियन अमेरिकी डॉलर का ट्रेड होता है। वहीं घाेषित ट्रेड का 10 गुनाअधिक अघाेषित ट्रेड हाेता है।

सीमा पूरी तरह सील होने से जरूरी सामान के दाम कई गुना बढ़े।

भारत के सीमावर्ती बाजाराें से खाद्यान्न सामग्री के साथ दवा एवं अन्य सामग्री उस पार जाती है। पर, इन दिनाें अघाेषित ट्रेड काराेबार में कमी आई है जिससे नेपाल के सीमावर्ती गांव के बाजार में खाद्यान्न की कीमत आसमान छूने लगी हैं। नमक 100 और सरसों तेल 250 रुपए किलो तक बिक रहा है। सामान्य दिनाें में नेपाल के बाजार में खाद्यान्न की कीमत भारतीय बाजार से 5 रुपए अधिक हाेती थी। पर, अब दाेगुनी कीमत है। हां, यह जरूर है कि कुछ लोग लुक-छिप कर अभी भी आ रहे हैं और जरूरी सामान लेकर नेपाल जा रहे हैं।

दो महीने में सिर्फ जयनगर की मंडी में 25-30 करोड़ का नुकसान हुआ

नेपाल के लाेगाें के भारतीय बाजार में नहीं अाने से यहां का काराेबार भी ठंडा पड़ गया है। मधुबनी के सीमावर्ती जयनगर के बड़े कपड़ा व्यापारी गिरधारी सर्राफ कहते हैं कि व्यापार बुरी तरह प्रभावित हुआ है। नेपाल में सिर्फ एक्सपोर्ट के जरिए ही कपड़े जा रहे हैं, लेकिन वहां के व्यापारी भारत की मंडियों में नहीं आ पा रहे। नेपाल के व्यापारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत कर रहे हैं।

उनका तर्क है कि व्यापारियों के भारत आकर कपड़ों की खरीद नहीं करने से पिछले दो-तीन महीनों में सिर्फ जयनगर की मंडी से 25-30 करोड़ का नुकसान हुआ है। दूसरे व्यापारी बताते हैं कि राशन और दूसरी खाद्य सामग्री के नेपाल नहीं जाने से नेपाल में उनकी कीमतें बढ़ी हैं। बॉर्डर पर किराना की दुकान चलाने वाले अखिलेन्द्र गुप्ता कहते हैं कि नेपाल में नमक 100 रुपए किलो तक बिक रहा है जबकि भारत से लोग पहले 10 रुपए में नेपाल ले जाया करते थे।

बेटी के संबंध पर चोट:नए कानून से विवाह के सात साल बाद भारतीय बेटियों को नागरिकता

भारतीय बहुओं को नागरिकता से वंचित करने की कोशिश पर नेपाल में मचे भूचाल के बीच बुधवार को मलंगवा (नेपाल) की एक महिला बेटे के लिए बहू देखने बॉर्डर पार कर सोनबरसा से सटे झीम नदी किनारे एक दुकान पर पहुंची थी। होने वाली बहू को देने के लिए कुछ खरीदारी कर रही थी। इस बीच बेटी वालों ने संदेश भिजवाया कि अब वह नेपाल में शादी नहीं करेंगे।

क्योंकि, अब नेपाल में उनकी बेटी को सात साल बाद नागरिकता मिलेगी। रिश्तेदारी नहीं होने से निराश महिला ओली सरकार पर भड़क उठी। कहने लगी वह भी कभी भारत की ही बेटी थी। जिसके नाम का सिंदूर माथे पर लगा लेती है तो पूरा जीवन उसके नाम कर देती है। ऐसे में शादी के बाद उसकी राष्ट्रीयता और राष्ट्रवाद पर शंका नहीं करनी चाहिए।

होने वाली बहू के लिए खरीदारी करने पहुंची मलंगवा (नेपाल) की महिला।

दरअसल, नेपाल की कम्युनिस्ट सरकार ने भारत से बेटी-राेटी के रिश्ते काे खत्म करने की पैंतरेबाजी शुरू कर दी है। भारत से ब्याह कर नेपाल जाने वाली बेटियाें काे राजनीतिक, आर्थिक और कानूनी अधिकार से वंचित करने का मन बनाया है। ताकि, भारत से खून का रिश्ता खत्म हाे सके। नेपाल ने मंगलवार काे नागरिकता संबंधी कानून को प्रतिनिधि सभा में पेश कर दिया।

लोग बोले-देश को चीन की झोली में डाल रही नेपाल की ओली सरकार

नागरिकता कानून का विरोध करते हुए मलंगवा गांव के बलराम यादव ने कहा कि यह सरकार की सोची-समझी साजिश है। ओली सरकार भारत के साथ हर तरह के संबंध को खत्म कर देश को चीन की झोली में डालने को बेताब है। सरकार चाहती है कि भारत‌ के साथ जो वैवाहिक संबंध है उसको धीरे-धीरे योजनाबद्ध तरीके से तोड़ दें। पर, शताब्दियों से नेपाल और भारत का यह संबंध सांस्कृतिक आधार पर स्थापित है।

प्रस्तावित कानून में यह है प्रावधान

नेपाली संघीय संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा में विवादास्पद नागरिकता कानून पेश किया गया जिसमें किसी भी भारतीय महिलाओं को नेपाल में शादी करने के सात साल बाद ही नागरिकता दिए जाने का प्रावधान रखा गया है। अब तक नेपाल में शादी के तत्काल बाद ही भारत की बेटियों काे नागरिकता का प्रमाण पत्र देने का नियम है।

कई जगहों पर बांध का निर्माण रोका:तटबंधों पर आपत्ति, बिहार में बाढ़ का खतरा

नेपाल की आपत्ति से पूर्वी चंपारण के बलुआमें लालबकेया नदी के पश्चिमी तटबंध की मरम्मत कई दिनाें से बंद है। बाढ़ से पहले बांध की मरम्मत नहीं हुई ताे पूर्वी चंपारण के ढाका, पताहीं, पकड़ी दयाल, मधुबन व फेनहारा प्रखंड में भारी तबाही तय है। 2017 में भी दाे जगह तटबंध क्षतिग्रस्त हाेने से इन प्रखंडाें में तबाही मची थी। दरअसल, नेपाल सीमा में तटबंध का निर्माण नहीं हुआहै। इस बीच भारतीय सीमा में निर्मित इस तटबंध की ऊंचाई 5 फीट बढ़ा दी गई है। इससे नेपाल के बंजरहा के लाेगाें काे आपत्ति है। गांव वालाें के साथ नेपाल आर्म्ड फाेर्स के जवान बांध निर्माण पर आपत्ति जताते हुए बलुआके ग्रामीणाें से उलझ गए। इससे भारी तनाव है।

पूर्वी चंपारण के बलुआ में बांध मरम्मत पर नेपाल ने आपत्ति जताकर काम रुकवा दिया।

नेपाल और भारत के बीच बाढ़ भी एक अहम मुद्दा रहा है। हर साल क्षतिग्रस्त तटबंधों की मरम्मत होती है। लेकिन इस बार नेपाल आपत्ति कर रहा है। भारत में जयनगर के इनरवा बॉर्डर से थोड़ी दूर पर अकौन्हा है। वहां वर्ष 2019 में कमला नहर का तटबंध क्षतिग्रस्त हो गया था। इस बार फिर से मरम्मत हो रही है। लेकिन नेपाल अड़चन खड़ी कर रहा है। नेपाल की आपत्ति है कि भारत नो मैंस लैंड से सटकर बांध न बनाए।

क्योंकि तस्वीरें झूठ नहीं बोलतीं:चाइनीज हुआ हमारा नेपाल

नेपाल के पाला बदलने से सिर्फ भारत या बिहार को ही नुकसान नहीं हुआ, नेपाल भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है। नेपाल के लोग और सांसद सरकार के चीनी रुख का विरोध कर रहे हैं। तस्वीरों से देखिए नेपाल की स्थिति :-

भारत से दूर हो गया नेपाल

सरहद पर सख्ती बढ़ी तो चोरी-छिपे हो रही इंट्री

सख्ती से नेपाल के लोग खरीदारी के लिए अब नदी के रास्ते आ रहे।

ऐसा कैमरा जिससे भारतीय सीमा की निगरानी हो

सोनबरसा झीम पुल पर कैमरे से भारतीय सीमा की निगरानी भी संभव।

परिजनों से मिलने वालों को भी रोक रहा नेपाल

सोनबरसा चेकपोस्ट पर भारत आ रही महिला को रोकती नेपाल पुलिस।

मदद के नाम पर घुसा चीन

भारतीय की जगह अब चीनी टेंट में नेपाल पुलिस

जयनगर के बलहा बॉर्डर पर नेपाल की तरफ लगा चीनी टेंट।

पहले हमारी दवा जाती थी, अब चीन पहुंचा रहा

भारत से मदद लेने वाले नेपाल में चीन खुद पहल कर दवा पहुंचा रहा है।

चीन ने बनाई भारतीय बॉर्डर के पास की फोरलेन रोड

बिहार-नेपाल बॉर्डर से लगती सड़क को चीन की एजेंसी ने फोरलेन किया।

फिर सुलग रही विद्रोह की आग:घिरा नेपाल, लग रहे गो-बैक चाइना के नारे

चीन की साजिश से हाल के दिनाें में नेपाल सरकार की ओर से लिए गए विभिन्न फैसलाें के खिलाफ तराई में आंदाेलन तेज हाे गया है। विद्रोह की आग फिर सुलग रही है। भारतीय बहू काे सात साल बाद नागरिकता देने, नेपाली संसद में सांसदाें के हिन्दी बाेलने पर राेक, चीन की ओर नेपाल की जमीन हड़पने सहित विभिन्न मुद्दाें काे लेकर बाॅर्डर के उस पार वीरगंज, गाैड, परसा, मलंगवा, जनकपुर, धनुषा में लाेग सड़क पर उतर आए हैं। शनिवार काे वीरगंज में नेपाल विद्यार्थी संघ ने नेपाल सरकार और चीन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।

विरोध प्रदर्शन : पूरे नेपाल में चीन की घुसपैठ के विरोध में जगह-जगह चीन गो बैक के नारे लग रहे।

संघ के केन्द्रीय सदस्य सुधीर पटेल के नेतृत्व में माई स्थान चौक से निकला जुलूस नगर परिक्रमा करते हुए घंटाघर चौक पहुंचा। इस दौरान गो बैक चाइना, नेपाली भूमि का अतिक्रमण बंद करो, चीन सरकार मुर्दाबाद, जिनपिंग मुर्दाबाद आदि नारे लगाए गए। सीतामढ़ी के साेनबरसा बाॅर्डर के उस पार मलंगवा में नागरिकता कानून में संशाेधन काे धरना-प्रदर्शन का सिलसिला जारी है। लाेगाें ने कहा कि नेपाल सरकार बिहार से खून के रिश्ते काे बंद करने की साजिश रच रही है। जबकि, हमारा जन्माें से बेटी-राेटी का रिश्ता है।

(वाल्मीकिनगर से कृष्ण कांत मिश्र, सिकरहना से जीतेन्द्र वत्स, सोनबरसा से मुकुंद अग्रवाल, मधवापुर से गांधी मिश्र गगन, सुपौल से बिष्णु गप्ता, जयगनर से सुनील कुमार)



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यह फोटो त्रिवेणी घाट का है। यहां जंगल की जमीन पर भारतीय इलाके में नेपाल की ओर से लगाया गया झंडा। नेपाल हमारी जमीन पर अपना दावा कर रहा है।


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Milan Tomic

Hi. I’m Designer of Blog Magic. I’m CEO/Founder of ThemeXpose. I’m Creative Art Director, Web Designer, UI/UX Designer, Interaction Designer, Industrial Designer, Web Developer, Business Enthusiast, StartUp Enthusiast, Speaker, Writer and Photographer. Inspired to make things looks better.

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