नेपाल ने पहली बार भारत से लगी सीमा पर सेना उतारी; हमारी जमीन कब्जाई, नदी का बहाव रोक दिया

सीमा पर नेपाल भी चीन जैसी हरकतें करने लगा है। बिहार के वाल्मीकिनगर में सुस्ता क्षेत्र पर नेपाल ने पूरी तरह कब्जा कर लिया है। भारतीयों के यहां जाने पर भी रोक लगा दी है। इलाके में 7,100 एकड़ जमीन पर नेपाल के साथ पुराना विवाद है। अब उसने सुस्ता के साथ लगे नरसही जंगल पर भी दावा ठोक दिया है। नेपाल आर्म्ड फोर्स ने यहां कैंप बना लिया है। त्रिवेणी घाट के पास नदी किनारे जंगल में भी नेपाल ने अपना झंडा लगा दिया।

भारत-चीन के बीच तनाव बढ़ने के दाैरान नेपाल ने पहली बार बिहार सीमा पर सेना लगाई है। कोरोना क्वारेंटाइन सेंटर के नाम पर बने कैंप सेना के ठिकाने हैं। सुपौल के कुनौली बॉर्डर के सामने नेपाल के राज बिराज भंसार ऑफिस के पास सेना की आवाजाही कई बार देखी गई। मधुबनी के मधवापुर से सटे मटिहानी की तरफ भी नेपाली सेना की गतिविधियां देखी जा रही हैं। हालांकि, रक्सौल से सटे महदेवा गांव के पास तैनात नेपाली जवान ने कहा कि यह कुछ दिन की बात है। जल्द ही पहले जैसी स्थिति हाेगी।

वहीं, स्थानीय लोग कहते हैं कि भारत की ओर से एसएसबी के नरम रुख का नेपाल फायदा उठा रहा है। बता दें कि नरसही जंगल गंडक नदी के उस पार सुस्ता के समानांतर है। जंगल की 14,500 एकड़ जमीन शुरू से भारत के अधिकार में ही रही है। अब यहां नेपाल ने गन्ने की खेती कर ली है।

100-100 मीटर पर चेक पोस्ट से निगरानी कर रहे

बिहार में नेपाल कभी अलग देश नहीं माना गया। सीमा से बेरोक-टोक आवाजाही रही है। पर अब सीमा पर हर 100 मीटर पर नेपाल आर्म्ड फोर्स के जवान हैं। ये सीमा पार करने वालों को रोक रहे हैं। गंडक बैराज भी सील है। वाल्मीकिनगर आश्रम और सुस्ता भी नहीं जा सकते।भारत से लगती 1751 किमी सीमा पर नेपाल सशस्त्र बलाें की 220 पोस्ट बनाने की तैयारी में है। बिहार से लगती 729 में से 631 किमी सीमा पर भी 94 पोस्ट बनाई जाएंगी।

नेपाल ने 12 जगह नो मेंस लैंड पर अतिक्रमण किया

एसएसबी के पटना फ्रंटियर के आईजी संजय कुमार ने कहा कि गंडक नदी के कटाव के कारण सुस्ता सहित कुछ स्थानों पर भूमि को लेकर विवाद है। एक दर्जन से अधिक जगहाें पर नो मेंस लैंड पर अतिक्रमण है। विवाद सुलझाने के प्रयास जारी हैं। भारत की ओर से भी सीमा पर चौकसी बढ़ा दी गई है।1,751 किमी लंबी भारत-नेपाल सीमा पर 8,000 पिलर हैं। इनमें से 1,240 गुम हैं। 2,500 पिलर नए सिरे से लगेंगे। पिलर गुम होने से पैट्रोलिंग में परेशानी आ रही है।

नेपाल की करतूत: पानी राेक लिया, ताकि एसएसबी के जवान परेशान हों

  • नेपाल ने गंडक नदी के इस पार सुस्ता गांव में पुल निर्माण शुरू किया। भारत ने आपत्ति जताई तो निर्माण बीच में ही रोकना पड़ा।
  • नरकटियागंज के भिखनाठोड़ी में एक जलस्रोत राेक दिया, ताकि एसएसबी के जवान परेशान हों। इनका कैंप जलस्रोत से 50 मीटर दूर है। यहां बोरिंग से पानी आता है। हालांकि, पानी बंद होने से आम लोगों काे परेशानी हो रही है।
  • जून के शुरू में वाल्मीकिनगर में त्रिवेणी घाट के पास बांध मरम्मत का नेपाल ने विरोध किया। भारत के कड़े रुख और एसएसबी के दखल से मामला शांत है। लेकिन स्लुइस गेट का निर्माण ठप है।
  • पूर्वी चंपारण में बलुआ के पास बांध मरम्मत का काम नेपाल ने रोक दिया। नो मेंस लैंड पार कर ऊंचाई बढ़ाने का आरोप लगाया। जबकि, यहां वर्षाें से बांध है।
  • सीतामढ़ी के बैरगनिया के पास भी बांध निर्माण पर तनातनी है।
  • सीतामढ़ी से भिट्‌ठामोड़ जा रही सड़क पर नवाहीं गांव के पास एप्रोच रोड पर नेपाल ने विरोध जताया। अब निर्माण ठप है।
  • जयनगर के इनरवा बॉर्डर के पास अकौन्हा में 2019 में कमला नहर का तटबंध टूट गया था। इसकी मरम्मत राेकने के लिए नेपाल ने सशस्त्र बल तैनात कर दिए। इसके बाद भारत को अपनी सीमा में नो मैन्स लैंड से हटकर तटबंध बनाना पड़ा।
  • नेपाल नो मैंस लैंड से सटकर निर्माण करा रहा है। मधवापुर में स्टेडियम बन रहा है। पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी और मधुबनी के एक दर्जन से अधिक स्थानों पर नो मेंस लैंड में अस्थायी निर्माण कर लिया।
  • विवाद के इन सभी मुद्दों को लेकर भारतीय कन्सुलेट जनरल ने नेपाल काे पत्र लिखा है।

बिहार में बाढ़ का खतरा: नेपाल और भारत के बीच बाढ़ भी एक अहम मुद्दा है। हर साल टूटे तटबंधों की मरम्मत होती है। लेकिन इस बार नेपाल के आपत्ति जताने से बिहार में बाढ़ का खतरा पैदा हाे गया है।

सीमा के पास चीन की एजेंसी बना रही है फाेरलेन सड़क

भारतीय सीमा तक आने के लिए नेपाल हर 10-20 किमी पर चौड़ी सड़कें बना रहा है। जब भारत सीमा के समानांतर सड़क बनाने लगा तो नेपाल ने काम औरतेज कर दिया। भारत में सोनबरसा तक टू लेन सड़क है। नेपाल ने इसके समानांतर फोरलेन सड़क बना ली। जनकपुर जाने के लिए भिट्‌ठामोड़ तक नेपाल ने फोरलेन सड़क का निर्माण करीब पूरा कर लिया है। स्थानीय लोगों की मानें तो नेपाल सीमा क्षेत्र से गुजरने वाली सभी सड़कों को नारायणी से भुटवल तक जाने वाली हाईवे से जोड़ दिया है, जिसका निर्माण चीनी एजेंसी कर रही है।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
बिहार बॉर्डर पर चीन के करीब 400 टेंटों में नेपाली जवान रुके हैं। चीन ने 2015 के भूकंप के वक्त राहत सामग्री में ये टेंट नेपाल को दिए थे। अब चेक पोस्ट बनाने में इनका इस्तेमाल हो रहा है। नेपाल ने सीमा पर जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे भी लगा दिए हैं।


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2A8ZRq4
via IFTTT
SHARE

Milan Tomic

Hi. I’m Designer of Blog Magic. I’m CEO/Founder of ThemeXpose. I’m Creative Art Director, Web Designer, UI/UX Designer, Interaction Designer, Industrial Designer, Web Developer, Business Enthusiast, StartUp Enthusiast, Speaker, Writer and Photographer. Inspired to make things looks better.

  • Image
  • Image
  • Image
  • Image
  • Image
    Blogger Comment
    Facebook Comment

0 टिप्पणियाँ:

एक टिप्पणी भेजें