देश में कोरोना के सबसे बड़े हॉटस्पॉट मुंबई की सीमा में आने वाले एक गांव ने इस महामारी के खिलाफ संघर्ष की मिसाल कायम की है। इसने आज तक कोरोना को गांव में प्रवेश करने नहीं दिया है, न लॉकडाउन में और न ही 8 जून को मुंबई अनलॉक होने के बाद। मुंबई मनपा का हिस्सा गोराई गांव एक छोटा टापू है, जो 5 किमी के क्षेत्र में फैला है।
यहां कोरोना से संघर्ष का क्रेडिट गांव की महिलाओं और युवाओं को जाता है। गोराई गांवठन ग्राम पंचायत एसोसिएशन के सरपंच रोसी डिसूजा बताते हैं कि एस्सल वर्ल्ड, वॉटर किंगडम और ग्लोबल विपासना पगोडा गोराई में ही हैं। लोग लॉकडाउन में भी चोरी-छुपे यहां आ-जा रहे थे।
गांव आने वाले रास्तों पर 24 घंटे निगरानी दस्ता तैनात रहने लगा
इसलिए गांव की 40-50 महिलाओं ने गांव आने वाले रास्तों पर बैरिकेटिंग कर दी और 24 घंटे निगरानी दस्ता तैनात रहने लगा। इधर गांव के युवाओं ने 5-5 लोगों के ग्रुप में तीन-तीन घंटे की शिफ्ट में निगरानी दस्तों का गठन किया। लेकिन, जब अनलॉक की घोषणा हुई तो गांव वालों को चिंता होने लगी।
बाहर आने-जाने वालों के साथसख्त सोशल डिस्टेंसिंग का पालन
फिर भी गांव वालों ने 16 जून तक बैरिकेडिंग और निगरानी जारी रखी। अब बैरिकेडिंग तो हटा ली गई है, लेकिन सख्त सोशल डिस्टेंसिंग का पालन आज भी बाहर आने-जाने वालों के साथ किया जा रहा है। नतीजा यह हुआ है कि आज तक गांव में एक भी कोराेना पॉजिटिव मामला नहीं आया है।
15 हजार के आबादी वाला गोराई गांव 90% कैथोलिक बहुल है,जो खेती करते हैं। रविवार के दिन गोराई गांव में बड़ी संख्या में लोग मछली खरीदने आते हैं।
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